ठुमक चलत रामचंद्र, बाजत पैंजनियां |
किलकि किलकि उठत धाय, गिरत भूमि लटपटाय |
धाय मात गोद लेत, दशरथ की रनियां ||
अंचल रज अंग झारि, विविध भांति सो दुलारि |
तन मन धन वारि वारि, कहत मृदु बचनियां ||
विद्रुम से अरुण अधर, बोलत मुख मधुर मधुर |
सुभग नासिका में चारु, लटकत लटकनियां ||
तुलसीदास अति आनंद, देख के मुखारविंद |
रघुवर छबि के समान, रघुवर छबि बनियां ||
Watch video of this bhajan:
Also check following bhajans:
पायो जी मैंने राम रतन धन पायो - Payo Ji Maine Ram Ratan Dhan Paayo
सीता राम सीता राम सीता राम कहिये - Sita Ram Sita Ram Sita Ram Kahiye
तेरा रामजी करेंगे बेड़ा पार - Tera Raam Ji Karenge Bera Paar
सूरज की गर्मी से जलते हुए - Suraj Ki
Garmi Se Jalte Hue Mann Ko
सुख के सब साथी दुःख में ना कोई - Sukh Ke Sab Sathi Dukh Me Na Koi
कभी कभी भगवान् को भी भक्तों से काम पड़े - Kabhi Kabhi
Bhagwan Ko Bhi Bhaktoin Se Kaam Pade
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले - Itna Toh
Karna Swami Jab Prann Tan Se Nikle
http://krishnaseva.blogspot.in/2016/01/itna-toh-karna-swami-jab-prann-tan-se.html
अच्युतम केशवं राम नारायणं अच्युता अष्टकम - Achyutam Keshavam Ram Narayanam -
Achyutam Ashtakam