ठुमक चलत रामचंद्र बाजत पैंजनियां - Thumak Chalat Ram Chandra - Bhajan
›
ठुमक चलत रामचंद्र, बाजत पैंजनियां | किलकि किलकि उठत धाय, गिरत भूमि लटपटाय | धाय मात गोद लेत, दशरथ की रनियां || अंचल रज अंग झारि, वि...
‹
›
Home
View web version